ज्याँकों राँखें साईंयाँ... भाग 5

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फिर वह एक लम्बी छलाँग लगाकर युवी पर झपट पड़ा तभी युवी ने फुर्ती से जेब की विभुति निकली, "जय साईंनाथ" के जयकारे के साथ उस पिशाच्च की ओर फेकि युवी का साहस और बढ़ रहा था.उस पिशाच के शरीर मे साईंविभुति के कारण जलन होने लगी.वोह और ग़ुस्से में आ गया "अब तू देख मेरा कमाल" बोलते ही पिशाच ने अपना कटा सर और धड़ दोनो अलग किये, जिससे वह दो अलग दिशाओ से वार करने लगा. युवी के एक हाथ में मोबाईल होने के कारण वह सिर्फ एक ही दिशा में साईंविभुति फेक सकता था. जिससे कटा सीर