नए व पुराने विचारों में गाँधी (lekh )

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नए व पुराने विचारों में गाँधी --------------------------- कितनी-कितनी बातें --कितनी कितनी अफवाहें ,कितनी नाराज़गी और न जाने कितने लोगों की सहमति -असहमति जुड़ी है गाँधी के नाम से ! एक ऐसा दीया जिसने जला दिया स्वयं को ,रोशनी भरी लोगों के दिलों में ,जीवन से लेकर सब कुछ जीवन को ही लौटा देना ? कौन कर सकता है ?एक लंगोटी का बाबा ही न ? जिसको किसी का भी न तो हो लालच और न ही हो किसी के प्रति कोई विशेष आकर्षण ,न हो द्वेष और न ही हो कोई ईर्ष्या |यह कोई संत ही कर सकता है जिसके मन में