एक बूँद इश्क - 1

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एक बूँद इश्क (1) बहुत ही खूबसूरत अहसास है उसमें खो जाना। एक तरफ हरे-हरे पत्तों की वन्दनवार से सजी, लहराती, घुमावदार, संकरी सड़कें तो दूसरी ओर गहरी खाई से जल कलरव का गूँजता कोलाहल एक बार को दिल कँपा ही देता है। पथरीले पहाड़ों का सीना फाड़ कर मुस्कुराते फूलों के झुंड जब सरसराती हवा से लहलहाते हैं तो ऐसा लगता है जैसे वह पर्यटकों के स्वागत में संगीत की धुन पर थिरक रहे हों। उस पर अचानक बादलों का भीग कर आसमान पर छा जाना और अपने ही स्याह टुकड़ों पर रीझ कर बरस पड़ना, केवल तन ही