तुम ना जाने किस जहां में खो गए..... - 4 - गर्मी की छुट्टियां

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परीक्षाओं के दिनअचानक से कॉलेज के माहौल में शांति छा गई। हर कोई व्यस्त था नोट्स, अनुमानित प्रश्न और परीक्षा की तैयारियों में। अपनी मित्रों में सिर्फ मैं साहित्य की छात्रा थी और सब विज्ञान संकाय से थे तो उनकी परीक्षा हो चुकी होती थी मार्च के अंत तक। परीक्षा के बाद एक और प्रतीक्षा रहती थी अपने मित्र दीपक की। दीपक - पटना कॉलेज के प्रथम वर्ष का मेरा मित्र।परिचय उससे तब हुआ था जब वह कोई सूचना देने आया था मुझे। बाद में पता चला उसने अपने एक मित्र से सिर्फ इसलिए दोस्ती तोड़ ली क्योंकि उसका मित्र आकर्षित