सनकी राही

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कभी कभी बिना कुछ किए ही महानता मिल जाती हैं।या यूं कहें कभी कभी बिना परिश्रम के ही, सब कुछ मिल जाता है।जिसे हम लॉक कहते है.....और कभी कभी कुछ पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता हैं।ये संयोग की बात है, ...ना कि किस्मत की।संयोग, ये टेक्निकल फाल्ट है,.. ना कि टेक्निकल थेयोरी।ये बिना रास्ते की मंजिल है। मंजिल तो मिल जाती हैं पर रास्ते नहीं होते।पर ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई लक्ष्य निर्धरित कर, और उसे हासिल करने के लिए उसकी कीमत के बराबर मेहनत कि गई और वह हासिल ना हुआ हो ऐसा कभी नहीं हुआ।