शेफाली एक चंचल , मस्त मौला और अपने ख्वाबों की दुनिया में रहने वाली लड़की। पढ़ाई भी किसी तरह उसने रो धोकर पूरी की। घर के कामों से बचने के सौ बहाने उसके पास। जब तक उसकी बड़ी बहन थी, तब तक तो वह किसी तरह से घर के कामों से बच जाती थी लेकिन दीदी की शादी के बाद, बचने का कोई रास्ता ना था।मां उस पर इमोशनल अत्याचार कर किसी ना किसी तरह घर के कामों को उसे सिखाने में लगी थी। शेफाली देख रही थी कि पिछले 15 दिनों से घर में कुछ खुसर फुसर चल रही