पेंसिल और रबड़

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यह कहानी है दो दोस्तों की। यह दो दोस्त कोई भी दो आम दोस्त हो सकते है ‌। पर हमारी कहानी के ये दो दोस्त हैं पेंसिल और रबड़। हां-हां हमारे ज्यामेट्री बॉक्स वाले पेंसिल और रबड़। हमारे यह पेंसिल और रबड़ दोनों पक्के वाले दोस्त होते है। दोनों दिन-रात एक-दूसरे के साथ रहते। पेंसिल को कोई जरा भी छिलता तो दर्द रबड़ को होता। कोई बच्चा मुंह में लेकर रबड़ को काट देता तो तड़प पेंसिल जाती। पेंसिल कोई जरा सी भी गलती कर देती तो रबड़ तुरंत आकर उस गलती को मिटा देता और पेंसिल अपनी गलती क