जादूगर जंकाल और सोनपरी (2)

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2 जादूगर जंकाल और सोनपरी बाल कहानी लेखक.राजनारायण बोहरे ठीक तभी परी भी प्रकट हो गयी और शिवपाल की मां से बोली कि आप बहुत अच्छी महिला है जो अपने बेटे को दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरणा देती है। मां ने बड़ी रूचि से अपने बेटे को खाना बनाकर प्रेम से पंखा झलते हुए सामने बैठा कर खिलाया। परी से खाने के लिए पूछा तो परी कहने लगी कि हम तो फूलों की पराग और फलों की सुगंध से पेट भर लेती है। अगली सुबह जब तारे नही डूबे थे मां उठी और उसने बेटा