विश्वास

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विश्वाश सेठ रामानंद जी भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त हैं। उनका व्यापर का काम बहुत अच्छा चल रहा था लेकिन पिछले कई दिनों से उनको कारोबार में हानि उठानी पड़ रही है...। वे सज्जन स्वभाव के हैं तथा हमेशां ही ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। सेठजी दान पुण्य भी बहुत करते हैं। वे अपनी पत्नी दयावती से हमेशां कहते थे कि इस संसार में दान-पुण्य करके कर्मों को सुधार लें और यही सद्कर्म अगले जन्म में भी काम आते हैं... मनुष्य इस संसार में खाली हाथ ही आता है और इस संसार से खाली हाथ ही चला जाता है।उनका मानना