इच्छाएं

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किसी मांगी हुए इच्छा के पूरा होने पर उन सिक्कों को याद करता हूँ, जिसे बहुत पहली किसी कुए में डाला कर भूल गया था. उस जल्दबाजी में की यह मुझे जीवन के किसी व्यस्तता वाले दिनों में मिल जाए. जैसे कही रखा हुआ पैसा भूल जाने दे बाद हमें अचानक मिल जाता है. ऐसा करना कभी-कभी वर्तमान में इच्छाओं से बचाना भी लगता है. शायद बहुत दिनों के बाद मेरा सिक्का किसी को कुए में मिला होगा. सालों से पानी में रहने से उसका रंग भी बदल चूका होगा. यह पहचान करना भी मुश्किल होगा की इस सिक्का में