सफाई-मंडली

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जब से छुट्टियां हुईं हैं, बोर हो गया हूं। मन ही नहीं लगता। ऐसा लगता है जैसे बिल्कुल निकम्मा हो गया हूं। करूं तो क्या करूं? मनीष बड़बड़ाता हुआ इधर से उधर घूम रहा था कि मां ने आवाज दी।- अभी आया मां, कह कर मनीष मां के पास गया जोकि रसोईघर में थी। -कहिए मां, क्या काम है? मनीष ने पूछा।- बेटा, अब तुम्हारी छुट्टियां हो गई हैं। अब तुम्हें घर के काम में मेरी थोड़ी मदद करनी चाहिए।- हां मां जरूर करूंगा। मैं तो खुद ही कुछ करना चाहता हूं। बताइए क्या करुं?- यह देखो, मैंने घर का सारा