वह सब जो मैंने कहा

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आज 'लोकल' में भीड़ नहीं थी। ऐसा कम ही होता है, मेरे आस पास भी केवल तीन लोग ही थे। एक सामने की सीट पर और दो साइड विंडो सीट पर। ट्रेन दो स्टेशन पार कर चुकी थी, तीसरे स्टेशन पर उसने कम्पार्टमेंट में प्रवेश किया। उस समय मैं अपनी सीट पर सिर झुकाए मोबाइल पर एक पुरानी क्लासिक फ़िल्म देख रहा था। उसके सैंडल की आहट से मेरी नजरें अनायास ही सर्वप्रथम उसके पैरों पर गई।गहरे रंग के सैंडल में उसके खूबसूरत पैर देखकर मेरा, उसकी ओर आकर्षित होना