मैं टूटकर नहीं बिखरूंगा

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रात को धड़ाम की आवाज से सुषमा की आंख खुली। उसनेे लाइट जला कर देखा तो उसके पति तो वहीं सो रहे थे लेकिन बेटा वहां नहीं था। रात को वह उनके साथ ही तो सोया था। अनजानी आशंकाओं से उसका मन जोर-जोर से धड़कने लगा। वह हिम्मत जुटा कमरे से बाहर गई तो बेटे के कमरे की लाइट जली हुई थी। उसने झांककर देखा लेकिन वह वहां भी नहीं था। बाथरूम चेक किया वह भी खाली। अब वह बुरी तरह घबरा गई। तभी उसकी नजर बालकनी की ओर गई। जिसका दरवाजा खुला हुआ था। सुषमा का दिल जोर-जोर से