6. पूजा कैसे करें ?

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हमारे महर्षियों ने हमें बताया कि चाहे आप गृहस्थी हैं या सन्यासी, कोई भी हों आधा घण्टा प्रातः काल संध्या-वन्दन अवश्य करना चाहिये और आधा घण्टा सायं काल। यह दो समय निश्चित कर दिये हैं हमारे महर्षियों ने। और हमारे देश में 99 प्रतिशत लोग परमात्मा को मानने वाले हैं, ईश्वर को मानने वाले हैं। और अपने किसी न किसी ढंग से पूजा करते हैं। बहुत लोग आधा घण्टे से ज्यादा करते हैं। यदि हम उनसे पूछें कि इस पूजा से क्या लाभ है तो दो-चार बातें बताने के बाद वह भी खामोश हो जायेंगे। पहली बात यह है कि भाई ईश्वर का नाम लेना अच्छी बात है। हमारे घर में मन्दिर है, हमारे दादाजी पूजा करते थे, हमारे पिताजी करते हैं, हम करते हैं, हमारी देखा-देखी हमारे बच्चे भी करते हैं। ईश्वर-परस्त (God fearing) हैं। अच्छा है, और आप इससे ज्यादा क्या चाहते हैं ? अगर हम यह पूछें कि इससे क्या कोई आन्तरिक लाभ हुआ तो बहुत कम ऐसे लोग हैं जो यह कहेंगे कि हाँ हुआ। तो इन सन्तों ने कहा कि हम एक तरीका बताते हैं। यदि आप इस तरीके से पूजा करेंगे तो आपको विशेष लाभ होगा और उन्होंने ऐसा तरीका बताया जो Universal (यूनीवर्सल) है।