तलाक-शुदा

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एक औरत की जिन्दगी जुए की तरह दाव पर लगी होती है या लगाई जाती है।जिंदगी के इस जुए में यदि बाजी उसके पक्ष में होती है उसकी जिंदगी सोभाग्य बन जाती है और यदि उसके बिपरीत होती है तो दुर्भाग्य को रोती है।मासूम शाहीन की जिंदगी भी दाव पर लगाई गई थी।शाहीन के परिवार का अपने एक पड़ोसी परिवार से झगड़ा चल रहा था।उस परिवार के किसी सदस्य की दृष्टि शाहीन पर थी इस कारण शाहीन के घर वाले जल्दी से जल्दी शाहीन का निकाह कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे।उसके लिये कई जगह बात चलाई पर