Women Focused Books in Hindi language read and download PDF for free Home Books Hindi Books Hindi Women Focused Books Filter: Best Hindi Stories सीता की रामायण by Saroj Verma बधाई हों जमींदार साहब! बेटी हुई है... शहर से आई डाक्टरनी ने बेटी का जन्म कराकर प्रसूति गृह से बाहर निकलते ही कहा।। फिर से लड़की, जमींदार ... फाइल by Yogesh Kanava फाइल कोई चार बजे होंगे, सरकारी दफ्तरों में प्राय चार बजे ही शाम होने लगती है या यूं कहें कि लोग मान लेते हैं कि शाम हो गई है ... कटी हुई औरत by Neelam Kulshreshtha नीलम कुलश्रेष्ठ " हूँ-------हूँ ----हूँम ----हूँम ----हूँ---. " वह बाल बिखराये सफ़ेद धोती में झूम रही थी, उसके मुँह से अजीब अजीब आवाज़े निकल रहीं थी. उसके घुँघराले बाल ... निरपराध तो नही थी द्रोपदी भी by Yogesh Kanava निरपराध तो नही थी द्रोपदी भी स्वर्गाधिपति का दरबार , दरबार में आज एक विचित्र सी स्थिति देखने को मिल रही है। सारे दरबारी सन हैं क्योंकि ऐसा ना ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 16 - अंतिम भाग by Neerja Hemendra कहानी -16- ’’ वो एक वामा हैं ’’ मोबाइल फोन की घंटी बजी। मैं उठ कर नम्बर देखती हूँ। यह नम्बर चन्दा चाची का है। आज लम्बे अरसे बाद ... सम्बल by Yogesh Kanava सम्बल मोबाइल की घण्टी बजी, नीलमणि ने झट से मोबाइल उठाया और देखा, अरे वाह तिवारीजी का फोन है । झट से कान के लगाया और बतियाने लगी । ... The girl's life is abandoned without dreams - 4 by navita ?थोड़ा सोचो--? कौन गुनहगार ?"तू निकल मेरे घर से , एक तो चोरी करती है ऊपर से झूठ बोलती है। जा निकल ""मैडम मैंने चोरी नहीं करी, मुझे नोकरी ... उस पार की औरत by Neelam Kulshreshtha नीलम कुलश्रेष्ठ मेरी सरहदों पर बिंदी, बिछुए, सिन्दूर -------अधिक कहूं तो पायल का पहरा है. ये सब तो तुम्हारे पास भी हैं फिर कैसे तुम उस पार की औरत ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 15 by Neerja Hemendra कहानी- 15 ’बिब्बो’ बड़े शहरों को जहाँ बड़े-बड़े बंगले, बिल्डि़गें, चैड़ी साफ सुथरी सड़कें, माॅल्स,दुकाने, बड़े-बड़े कार्यालयों में कार्य करते अफसरों, बाबुओं व व्यापारियों का समूह बड़ा बनाता है, ... छोटी सी बात by प्रीति कर्ण मैं उजाला को गौर से देख रही थी। अपने नाम की तरह शांत और आकर्षक चेहरे वाली वो बेहद खूबसूरत लड़की थी। पिछले सात-आठ महीने पहले उसने मेरे पार्लर ... पौ फटी पगरा भया by Shivani Jaipur पौ फटी पगरा भयासुमन हफ्ते भर से परेशान थी। रसोई में सब्जियों को गर्म पानी में धोते हुए मन ही मन भुनभुना रही थी! भतीजे की शादी अगले हफ्ते ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 14 by Neerja Hemendra कहानी -14 ’’ मुक्त कर दो मुझे ’’ वह तीव्र कदमों से कार्यालय की ओर बढ़ती जा रही थी। घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ ही साथ ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 13 by Neerja Hemendra कहानी-13- ’’ पगडंडियाँ ’’ नोरा ने स्टाफ रूम में आ कर मेज पर अपना पर्श रख दिया। तत्पश्चात् कुर्सी पर आराम से बैठते हुए गले में लिपटे ऊनी स्कार्फ ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 12 by Neerja Hemendra कहानी 12 - ’’ समर्पण से कहीं आगे ’’ रेचल शनै-शनै सीढियाँ चढ़ती हुई छत पर आ गई। प्रातः के नौ बज रहे थे। वह आज छत की साफ-सफाई ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 11 by Neerja Hemendra कहानी-11’ ’’ये नही है तुम्हारी नियति ’’ बसंती अपना घर साफ करते-करते घर के सामने की गली को भी बुहारती जा रही थी। यह काम उसका प्रतिदिन का है, ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 10 by Neerja Hemendra कहानी -10- ’’ विमर्श आवश्यक नही ’’ जीवन के जो क्षण, दिन, माह, वर्ष, व्यतीत हो जाते हैं, वो क्यों नही हमारी स्मृतियों से भी मिट जाते। बीते समय ... मुक्ति by Saroj Prajapati चल यार आज तुझे दिल्ली की रंगीनियों दिखाते हैं ।"अमित के दोस्त ने हंसते हुए कहा। "मतलब!" "तू चल तो सही हमारे साथ। आज तू जिंदगी की भरपूर मजे ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 9 by Neerja Hemendra कहानी--9- ’’ पीले पत्ते ’’ राजेश्वर की नींद तो न जाने कब की खुल चुकी थी। कदाचित् प्रातः चार से पूर्व, किन्तु वह बिस्तर पर लेटे-लेटे बहुत देर तक ... छंटनी by राज बोहरे तनु चकित रह गई । कार्यालय को पूरी तरह सुनसान देख उसे अजीब सा लगा। बिस्मय के कारण भोंहों के ऊपर माथे पर उभर आई सिकुड़नों को छिपाने का ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 8 by Neerja Hemendra ’कहानी’ - 8- ’’ये वो प्रियम्बदा तो नही’’ मैं आॅटो के लिए खड़ी थी। पीछे से किसी ने कंधे पर हाथ रखा। मैं चैंक पड़ी। पलट कर देखा तो ... सर्दी में गर्मी का अहसास by Neelima Sharrma Nivia मौसम की साज़िशें बेहतरघर के भीतर उदास रहने से#निविया यह हँसते हँसाते हुए आजकल के दूल्हा दुल्हन कितने प्यारे लगते है न । जैसे चाँद के रथ पर सवार ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 7 by Neerja Hemendra कहानी-7- ’’ ये दुनिया है......मित्र ! ’’ एक लम्बे अन्तराल के पश्चात् आज अकस्मात् कुसुम का फोन आया था, अतः मुझे कुछ क्षण अवश्य लगे कुसुम को पहचानने में। ... त्रिखंडिता - 22 - अंतिम भाग by Dr Ranjana Jaiswal त्रिखंडिता 22 'मैं आपकी पत्नी नहीं हूँ | ' -पर मैं तो मानता हूँ | 'मान लेने से कोई किसी की पत्नी नहीं हो जाती | ' -तो इधर ... बाबुल का घर by Sunita Agarwal मायके से विदा होते हुए अवनी संज्ञा शून्य सी हो गई थी।जैसे वो अपने होशोहवास में नहीं थी।आँसू थे कि रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।पति अखिल ने ... Short Stories Spiritual Stories Novel Episodes Motivational Stories Classic Stories Children Stories Humour stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Social Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything The girl's life is abandoned without dreams - 3 by navita Chapter-- 3 ???गुरु का पाखंड ?????ताया ताई जी के घर से वापस आने के बाद नूर थोड़ा उदास रहने लगी और फिर धीरे धीरे नूर अपनी पढ़ाई मे व्यस्त हो ... शादी के बाद जिंदगी बदल जाती है by Neha Verma हमारे भारत के अधिकतर परिवारों में लड़कियों को बोझ समझा जाता है|लड़कियों के अरमानों को कुचलकर उन्हें छोटी उम्र में ही ब्याह के बंधन ... दिल से दिल तक... - 33 by Komal Talati ( ३३ ) अगले दिन सभी घर के बने मंदिर में इकट्ठे ... त्रिखंडिता - 21 by Dr Ranjana Jaiswal त्रिखंडिता 21 पर शेखर को यही तक नहीं रूकना था, पर वे पूनम पर एकदम से आक्रमण नहीं करना चाहते थे | उन्हें डर था कि इससे बात बिगड़ ... जी हाँ, मैं लेखिका हूँ - 6 by Neerja Hemendra कहानी 6- ’’ अमलतास के फूल ’’ मैं ठीक समय पर बैंक में पहुँच कर अपने कार्य में व्यस्त हो गयी। व्यस्तता तो थी किन्तु हृदय आज कुछ विचलित ... दिल से दिल तक... - 32 by Komal Talati ( ३२ ) दस दिन बाद... तारा देवी ने सुबह से घर ...