ये दिल पगला कहीं का - 12

  • 5.6k
  • 1
  • 1.3k

ये दिल पगला कहीं का अध्याय-12 "आप दोनों यह अवश्य समझ चूके होंगे कि मुझे आपके अफेयर की पुर्ण जानकारी है।" अनन्या बोली। सुहानी सहम गयी। अंकित भी सकते में था। "मैं चाहती तो इस समस्या को बीच सड़क पर भी हल कर सकती थी। मगर इससे पहले मुझे लगा सिर्फ एक बार आप दोनों से बैठकर बात करूं।" "अनन्या बात को यहीं खत्म करते है। मुझसे गलती हुई है आई नो। आई एम साॅरी।" बात को संभालते हुये अंकित बोला। "देखा सुहानी। अभी तो मैंने कुछ किया भी नहीं और अंकित ने अपनी भूल स्वीकार कर ली। तुम ऐसे