आज का रावण

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मैं यह रचना किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं लिख रही। यदि किसी को कुछ अच्छा न लगे तो कमी बताएं। क्षमा प्रार्थी हूं यदि कोई गलती हो तो। "मां ओ मां कहां हो"। मेरी 18 वर्षीय बेटी बाहर से ही आवाज देती हुई अन्दर आई। मैं जो किचन में उसके लिए लंच तैयार कर रही थी, उसकी आवाज़ सुनकर किचन से बाहर आई। और उससे पूछा। " क्यों पूरा घर सिर पर उठा रखा है।" पर वो कुछ बोलने की बजाय मुझे बांहों में भर कर खुशी से मुझे गोल गोल घुमाने लगी। और बोली