आत्मा की आवाज(अंतिम भाग)

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गणेश अजीब अंतर्द्वंद में फंस गया।एक तरफ उसके मन में बैठा चोर था।दूसरी तरफ उसकी आत्मा।मन मे बैठा चोर उसे भागने की सलाह दे रहा था।जबकि उसकी आत्मा उसकी मदद करना चाहती थी।गणेश अजीब उलझन मे फस गया था।उसकी समझ मे नही आ रहा था।मन मे बैठे चोर की माने या आत्मा की बात?"पानी। पानीकिसी के करहाने कीआवाज फिर आयी।उस आवाज में दर्द था। छटपटाहट थी।बेबसी थी।उस आवाज ने गणेश को अंतर्द्वंद से मुक्ति दिला दी।मन मे बैठे चोर और आत्मा के संघर्ष में जीत आत्मा की हुई थी।गणेश आवाज की दिशा मे चल पड़ा।गणेश अंधेरे को पार करके एक