चालीस पार की औरत और एक प्रश्न?

  • 15.2k
  • 2.2k

चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? चाँदनी रात के नाम से मशहूर गोष्ठी जिसमें तारों की छाँव में धरती के सितारे अवतरित हुए थे और अपनी विचारधारा से अवगत करा रहे थे । खामोशी के पाँव में मानो विद्वतजनों ने अपनी वाणी की बेडी डाल दी थी । आवाज़ थी तो सिर्फ़ वक्ता की श्रोता मंत्रमुग्ध सुनने में व्यस्त, साँसों की आवाज़ें भी मानो अवरोध उत्पन्न कर रही हों एक ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनने का आज करुणा को सुअवसर मिला था जिसका विषय था : “चालीस पार की औरत और एक प्रश्न...” इसी मंच पर वक्ताओं की दीर्घा