बंधन--भाग (५) - अंतिम भाग

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अमृत राय जी बोले, ऐसा क्या जरूरी काम है... ठाकुर साहब बोले,तू वादा कर कि मेरी बात का बुरा नहीं मानेगा!! अमृत राय जी बोले, ठीक है बोल तो सही!! मैं ये कहना चाहता था कि अगर तेरी मर्ज़ी हो तो मीरा बिटिया का ब्याह गिरिधर से करवा दें।। अमृत राय जी बोले,ये बात तो ठीक है लेकिन तू मीरा से पूछ ले तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि जब मैं और मीरा गिरिधर से पहली बार मिले थे तो मीरा की नजरों में मुझे गिरिधर के लिए प्रेम के भाव नजर आए थे फिर अचानक तूने गिरिधर