रिश्तों की डोर

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तीनो बहनों से राखी बंधवाकर, मेरे अंदर असीम सुख का अनुभव होता है। मेरी तीनों छोटी बहनें राखी से पहले ही शुरू हो जाती हैं, कि, किसको क्या चाहिए। मुझे भी उनकी छोटी-छोटी फरमाइशें पूरी करना अच्छा लगता है। किसी को नई ड्रेस चाहिए तो किसी को नए झुमके। बस ऐसी ही चीजें मांगती थीं। कभी कोई बड़ी फरमाइशें नहीं की थी तीनों ने। मुझे भी तीनों से बहुत अधिक प्यार है। हम लोग छोटे ही थे जब हमारी मां हमें रोता हुआ छोड़कर, दुनिया से विदा लेकर चली गई। कुछ समय तक समझ ही नहीं आया, कि क्या करें।