पराये स्पर्श का एहसास(भाग 2)

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सुमित्रा की भाभी सचिवालय में थी।फिर भी उसे अपनी ननद की एडहॉक पर नौकरी लगाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे।काफी भागदौड़ और सिफरिश के बाद वह अपनी ननद को सुप्रिण्डेन्ट इंजीनयर ऑफिस में स्टेनो की नौकरी दिला पायी थी।तीन महीने पहले सुमित्रा इस ऑफिस में आयी थी।मझले कद,सांवले रंग और तीखे नेंन नक्श की दक्षिण भारतीय युवती के रूखे बाल और उदास निगाहे उड़की सुंदरता में निखार ला रहे थे।आफिस मे कोई ऐसा नही था,जो उसको देख कर प्रभावित न हुआ हो।सबने ऑफिस मे आये रूप के वासन्दित झोंके को भरपूर ललचाई नज़री से जी भरकर देखा था।ऑफिस