फैसला

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आज छः महीने की कैद के बाद सिया आख़िरकार घर आ गयी। अपनी बेटी को गले लगाकर खूब रोई, खूब प्यार किया और रो - रोकर अपने अंदर का सारा गुब़ार निकाल लिया। सास - ससूर ने भी अपनी खुशी प्रकट की और पति ने भी कोशिश पूरी की लेकिन सिया उनके इस नीरस स्वागत को भली - भाँति समझ रही थी पर उस समय कुछ नहीं बोलना ही उचित समझा। सिया आज आज़ाद होकर घर आयी। आज से छः महीने पहले एक व्यक्ति ने उसे अगवाह कर लिया था। शुरू - शुरू में तो पति और परिवार जनों ने