मेरे घर आना ज़िंदगी - 10

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मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (10) चर्चगेट स्थित इंडियन मर्चेंट चेंबर का सभागार बुक कर लिया । शैलेंद्र सागर, विभूति नारायण राय, काशीनाथ सिंह, भारत भारद्वाज सब पुलिस गेस्ट हाउस में रुकेंगे। निमंत्रण पत्र छप गए बल्कि सबको बुक पोस्ट से भेज भी दिए। डिनर का एडवांस भी दे दिया। पुरस्कार की तिथि के एक दिन पहले घर में अतिथियों और मुंबई के मेरे खास साहित्यकार मित्रों का घर पर गेट टुगेदर रखा था। चूंकि रमेश ड्रिंक लेते थे अतः उन्होंने सबके लिए ड्रिंक का इंतजाम भी किया था । डिनर हमने ऑर्डर कर दिया था। सो सबके साथ