अनैतिक - ०३ किस्मत का खेल

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मैंने तुरंत फोन रखा और माँ के पास जाकर पूछा, " किधर गए थे आप इतनी सुबह? माँ ने प्लेट में ढोकला रखते हुए बोली, "क्या? क्या कहा सुबह? बेटा लगता है तूने अब तक बाहर नहीं देखा है, दोपहर के १२ बज रहे है और बाजू वाले दुबे आंटी है ना उनका कॉल आया था, कुछ काम था तो वहीं गई थी, उठ गया तू? हां, वो कोई लड़की आयी थी, दरवाज़ की घंटी की आवाज़ से नींद खुल गई, और बॉस का कॉल भी आया था.. कल ही तो आया तू और आज बॉस ने काम के लिए कॉल भी कर