Anaitik by suraj sharma | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels अनैतिक - Novels Novels अनैतिक - Novels by suraj sharma in Hindi Novel Episodes (80) 6.9k 16.2k 4 आज लॉकडॉउन खुलने के एक महीने बाद या फिर कहूँ की ६ महीने बाद मै अपनी कर्मभूमि जर्मनी जा रहा हूँ, वैसे इस जर्मनी ने मुझे बहोत कुछ दिया है. नाम, पैसा,प्यार, दोस्तऔर गाँव वालो की नज़रो में खुद ...Read Moreलिए, पापा के लिए वो इज्जत. मेरे पापा की छाती ५६ की हो जाती जब कोई उन्हें कहता, "आपका बेटा तो जर्मनी में है". ३ साल पहले जब मै कॉलेज पूरी करके जॉब करने इस अन्जान देश में आया था तो पुरे घर में ख़ुशी का माहोल था, मुझे आज भी याद है Read Full Story Download on Mobile New Episodes : Every Tuesday,Saturday अनैतिक - ०१ लॉकडाउन 1.1k 2.1k आज लॉकडॉउन खुलने के एक महीने बाद या फिर कहूँ की ६ महीने बाद मै अपनी कर्मभूमि जर्मनी जा रहा हूँ, वैसे इस जर्मनी ने मुझे बहोत कुछ दिया है. नाम, पैसा,प्यार, दोस्तऔर गाँव वालो की नज़रो में खुद ...Read Moreलिए, पापा के लिए वो इज्जत. मेरे पापा की छाती ५६ की हो जाती जब कोई उन्हें कहता, "आपका बेटा तो जर्मनी में है". ३ साल पहले जब मै कॉलेज पूरी करके जॉब करने इस अन्जान देश में आया था तो पुरे घर में ख़ुशी का माहोल था, मुझे आज भी याद है Read अनैतिक - ०२ घर का प्यार 855 1.7k "कितने कॉल करोगी माँ?घर पर तो तब ही आऊंगा ना तब टैक्सी लाकर छोड़ेगी", मैंने घर में घुसते हुए कहा..पर तूने तो एक भी कॉल नहीं उठाया? माँ की आंखों में खुशी थी और आंसू भी, अक्सर जब भी ...Read Moreजर्मनी से आता या जाने के लिए निकलता तो माँ की ममता झलक ही जाती..हाँ, वो बैटरी लो हो गयी थी! अगर कॉल उठात तो फोन पूरा स्विच ऑफ हो जाता, वैसे रात के २:३० बज गए है आप अब तक जाग रही हो? मै आगे कुछ बोलू उसके पहले पापा कमरे में से निकलते हुए बोले..बेटा जब तू बाप Read अनैतिक - ०३ किस्मत का खेल 729 1.5k मैंने तुरंत फोन रखा औरमाँके पास जाकर पूछा, " किधर गए थे आप इतनी सुबह? माँने प्लेट में ढोकला रखते हुए बोली, "क्या? क्या कहा सुबह? बेटा लगता है तूने अब तक बाहर नहीं देखा है, दोपहर के १२ ...Read Moreरहे है और बाजू वाले दुबे आंटी है ना उनका कॉल आया था, कुछ काम था तो वहीं गई थी, उठ गया तू? हां, वो कोई लड़की आयी थी, दरवाज़ की घंटी की आवाज़ से नींद खुल गई, और बॉस का कॉल भी आया था.. कल ही तो आया तू और आज बॉस ने काम के लिए कॉल भी कर Read अनैतिक - ०४ पुरानी यादें 570 1.4k ना कोई भाई ना ही बहन बस अकेला था इसीलिए कोई साथ खेलने वाला नहीं था तो कभी कभी पापा के मोबाइल में भी अक्सर लूडो खेला करता, मैंने गेम कीसारीसेटिंगस कर दी थी अब बस खेलना शुरू करना ...Read Moreकी तभी.. डोर बेल बजी, माँ काम में वस्त थी और पापा तो फिर पापा थे तो जाना मुझे ही पड़ा, जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला- "हायरोहनतुम? वॉट ए सरप्राइज? कब आये? कितने दिनों बाद देखा है तुम्हे..." हाय रीना ....कैसी है तू ...बस २-३ दिन पहले ही आया हूँ... और हम दोनों एक दुसरे के गले लगे, मेरा ध्यान Read अनैतिक - ०५ जागने की रात 474 1.2k काम ज्यादा होने के वजह से मै रोज सिर्फ थोड़ी देर ही खेल पाता. कभी कभी तो एक गेम खेलने को भी वक़्त नही मिलता था ऐसे ही कुछ दिन गुजरे.. अब मै पूरी तरह गेम समझ गया था ...Read Moreज्यादातर गेम जितने लगा, रात को भी नींद ख़राब करके खेलने लग गया था शायद गेम का नशाछारहा था, पैसे तो कुछ मिल नही रहे थे पर जैसे जैसे गेम जीतता गया मुझे ऐसा लगने लगा की इस गेम का अपुन भगवान् है . अब हर जगह जब भी खाली वक़्त मिलता बस खेलता रहता, इसी बिच Read अनैतिक - ०६ बेखुदी 432 1.1k मेरी शिफ्ट हो गयी थी, पर मै अब भी उसके रिप्लाई का वेट कर रहा था, दिख तो वो अब भी ऑनलाइन ही रही थी पर उसका कुछ रिप्लाई नहीं आया, मुझे लगा शायद मुझे मेसेज नही भेजना चाहिए ...Read Moreफ़ोन लॉक कर सो गया, घर में पता था की नाईट शिफ्ट की वजह से मुझे रात भर जागना पड़ता है इसीलिए दिन के वक़्त कोई भी आवाज़ नहीं करता था, मुझे उतने में सबेरे के ११ बज गये थे, रोज की आदत थी उठने के बाद चाय के साथ एक सिगरेट पिने की पर घर माँ Read अनैतिक - ०७- दिल्लगी 387 1.1k घर बस अब एक गल्ली की दूरी पर था, जैसे जैसे घर करीब आता वैसे दिल की धड़कने तेज़ हो रही थी, ये पहली बार था स्कूल के बाद मुझे किसी से इतना डर लगा हो. मै घर पर ...Read Moreगया और बाइक पार्क ही कर रहा था की मुझे कशिश घर से जाते हुए दिखी और वो मुझे देख कर ऐसीहँसीदे रही थी मानो उसने कोई बाजी जीत ली हो...मै समझ गया अगर मै अभी अन्दर गया तो मुझे थोड़ी देर बाद हॉस्पिटल ही जाना पड़ेगा, मैंने बाइक धीरे से फिर बाहर निकली और सोचा थोडा रुक Read अनैतिक - ०८ प्यार का एहसास 333 948 आज मै लगातार ४ गेम हार चूका था, अब मुझे खेलने में बिल्कुल मज़ा नहीं आ रहा था. तो मै फेसबुक देखने लग गया..कशिश ऑनलाइन थी, मैंने सोचा जब भी फेसबुक देखता हूँ ये ऑनलाइन ही दिखती है, क्या ...Read Moreदिन भर ऑनलाइन रहती है या घर के काम भी करती है..पर आज उसने जो किया उसके बाद उसे देखने का मेरा नजरिया थोडा बदल गया अब मुझमे थोड़ी हिम्मत आ गयी थी बस ये दिमाग में चल ही रहा था की फेसबुक अलर्ट आया, मेसेज था कशिश का ...मुझे जैसे एक साल की सैलरी एक Read अनैतिक - ०९ पहेली नजर ने... 339 1.1k मै छत पर सिगरेट के कश ले रहा था, उपर चढ़ने कि सीढ़ियां थोड़ी ऊंची थी जिसकी वजह सेमाँपापा साल में एक-दो बार ही ऊपर आते,माँपापा से सीढियां चड़ना नहीं होता था, छत के चारो तरफ दीवारें थी तो ...Read Moreकिसिके देखने का भी डर नहीं रहता, इसीलिए मै रोज यहीं आकर सिगरेट पिता और थोड़ी देर रुक कर नीचे चला जाता, उस दिन भी यहीं हुआ, छत पर सिगरेट और मै दोनो एक दूसरे के प्यार में खोए थे, तभी नीचे मुझे किसी के आने की आवाज़ सुनाई दी, मैंने देखा तो रीना और कशिश थे, Read अनैतिक - १० 249 570 सैलरी आ गयी थी, बहोत खुश था! पर बाहर जा नही सकता था. रात को हम खाना खाने बैठ गये,मैंनेसोचा आज माँ को पूछ ली लूँगा की कशिश की कहानी क्या है पर हिम्मत ही नहीं हुई, हम सब ...Read Moreखाना खाया और मै अपने कमरे में आ गया, रोज की तरह आज भी मै कशिश के मेसेज का इंतजार करने लगा, रीना के पापा शहर के बड़े बिल्डर थे तो मै जानता था की कशिश को घर का काम तो था पर उतना ज्यादा नहीं, उसके यहाँ काम के लिए २-३ नौकर लगाये हुए थे. रीना के Read अनैतिक - ११ 252 633 तभी अंकल ने कहा, चल जाने दे, तू तो नहीं आया, हम ही आ गये, आजा साथ में खाना खाते है.. अंकल मै टी शर्ट पहन कर आता बोलकर मै जैसे ही मुडा...पीछे से आवाज़ आई ... ...Read Moreजब तू छोटा था न करीबन १ साल का तब से हम तुझे नंगा देखा करते थे अब तो बहोत बड़ा हो गया, चल आजा कोई बात नहीं...सब जोरो से हँसने लगे पर ये बात सुनकर मुझे अन्दर से इतनी शर्मिंदगी महसुस हुई पर कुछ कर भी नहीं बोल सकता था, बात तो उनकी सही थी..इसिलए मुझे दूसरा बहाना बताना Read अनैतिक - १२ 153 357 सबके बहोत पूछने पर पापा ने बताना शुरू किया, पहलेतेरीमाँ और सुनिता जी (रीना की मम्मी) एक ही गाँव के थे, पर सुनिता जी के शादी के बाद उनके पेरेंट्स ने गाँव छोड़ दिया. रीना ...Read Moreमम्मी और तेरी माँ दोनों स्कूल से बेस्ट फ्रेंड थे।। मै और रीना के पापा भी बेस्ट फ्रेंड थे, जैसे तू और रीना है, मेरी शादी के वक़्त रीना के पापा आये थे बारात में तेरे मम्मी के यहाँ और तभी उन्होंने सुनिता जी को देखा...... हम सब इतने ध्यान से सुन रहे थे जैसे मोदीजी Read अनैतिक - १3 159 429 कशिश के पापा की डेथ बचपन में ही हो गई थी, घर वालो के कहने पर उसकी माँ ने दूसरी शादी तो कर ली, पर कुछ ही दिनों में उसके माँ की डेथ भी हो गयी, कशिश तब ४-५ ...Read Moreकी होगी उसने माँ बाप दोनों को खो दिया था, उसके नए पापा ने उसे उसके मामा के यहाँ छोड़ चले गये. कशिश के मामा उसे सिर्फ इसी लालच में पाल रहे थे की कशिश के माँ ने मरते वक़्त कुछ प्रॉपर्टी कशिश के नाम कर दी थी. कशिश का गाँव छोटा था, वो अपने मामा के यहाँ Read अनैतिक - १४ 135 399 अब मै किसी भी तरह से कशिश का दिल नहीं दुखाना चाहता था, माँ की बाते अब भी मेरे दिमाग में घूम रही थी. मेरी आँखों के सामने जैसे उसका बचपन और शादी की तस्वीरे घूम रही थी, कितनी ...Read Moreहोगी वो, बचपन से कितना कुछ सहा है उसने. बहोत सी बाते थी जो मेरे दिल को तेज़ी से धड़का रही थी शाम का अँधेरा हो गया था।। सोचा शिफ्ट शुरू होने के पहले एक बार सिगरेट पि लेता हूँ, मै ऊपर आया, और बस सिगरेट जलायी ही थी की वो दोनों फिर मेरे Read अनैतिक - १५ 105 309 उस दिन के बाद मैंने सिगरेट छोड़ दी, मुझे भी यकीन नही हो रहा था की मै ऐसा कर सकता था, मुझे लगा था शायद धीरे धीरे छूटेगी, पर कहते है न अगर किसी चीज का हम निश्चय कर ...Read Moreतो वो हम पा सकते है...मैंने पहले एक हफ्ता कोशिश करी जब भी मुझे सिगरेट की याद आती मै कशिश को याद कर लेता..८-१० दिन लगे पर पूरी तरह छुट गयी पर हाँ अगर कभी किसी को पिता हुआ देखा तो फिर से मुझे..पर मैंने खुद पर नियंत्रण कर लिया था...अब मुझे बाकी सिगरेट की ज़रूरत नहीं थी Read अनैतिक - १६ 117 339 कशिश को देख कर, उस से बाते कर,अब धीरे धीरे मेरा डर कम होने लगा था..एक दिन की बात है, मै अपने रूम में काम कर रहा था. मेरी शिफ्ट बदल गयी थी अब मुझे दिन में काम करना ...Read Moreथा, उस दिन मै अपने लैपटॉप में काम कर रहा था और और पापा मम्मी खाना खा रहे थे, मैंने मेरे रूम में ज्यादा आवाज़ में गाने सुनते हुए मीटिंग की तयारी कर रहा था, कब दरवाज़े की घंटी बजी मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया और गाने के साथसाथमै भी अपना सुर मिलाने लगा "एक लड़की Read अनैतिक - १७ 111 348 शाम होने आई थी, लॉक डाउन के वजह से पापा भी घर पर ही थे ...माँ, पापा, कशिश तीनो बाते करते, हँसी मजाक करते, मुझे रुम में आवाज़े आ रही थी और ये पहली बार था जब मुझे खुद ...Read Moreजॉब पर गुस्सा आ रहा था की मै बाहर उनसे बात भी नहीं कर सकता था.. मैंने २-३ मीटिंग्स ख़त्म की और माँ को पता था मुझे हर ३-४ घंटे में भूक लगती है. माँ ने मुझे नाश्ता रूम में ही लाकर दिया, मै काम में पूरी तरह बिजी था की वक़्त का पता Read अनैतिक - १८ 105 321 जब सब साथ होते तब मुझे कशिश से बात करने में कुछ नहीं लगता पर पता नहीं क्यूँ जब भी हम दोनों अकेले रहते मै उसे से बात ही नही कर सकता था...आज करना चाहता था मैंने बात शुरू ...Read Moreतो बहोत कुछ चाहता था पर मुझे सिर्फ एक ही सवाल का जवाब चाहिए था... सॉरी, क्या मै कुछ पूछ सकता हूँ? उसने हाँ में सीर हिला दिया..मैंने टीवी की वॉल्यूम कम कर दी.. मै जानता हूँ की ये आपका निजी मामला है और मुझे पूछने का कोई हक नहीं पर एक दोस्त के नाते पूछना चाहता हूं, क्या निकेत Read अनैतिक - १९ 135 294 अगर मै और कुछ कहता तो शायद कशिश रो देती इसीलिए मैंने उसके पास देखते हुए कहा, "देखते है माँ, मुझे नहीं लगता अभी इतने जल्दी फ्लाइट्स को दुसरे देश जाने देगे. उसके चेहरे पर फिर थोड़ी मुस्कान आई, ...Read Moreकी रिंग बजने लगी..माँ ने फ़ोन उठाया तो रीना की माँ का कॉल था, उसने ये बताने के लिए कॉल लगाया था की वो कल आ रहे है..आज सन्डे था कुछ काम नहीं था, मै रूम में आ गया और गाने लगा कर सुनने लगा, पापा भी उनके रूम में चले गये..माँ कशिश को लेकर मेरे पास आ गयी.. आज Read अनैतिक - २० 84 171 मैंनेपापा की बाते सुनी पर मेरा मन अब भी बैचेन था, तुरंत कशिश को मेसेज भेजा हाउ आर यू? ठीक हूँ मै.. क्या हुआ था? कुछ नहीं, रोज का है..झगडा करना फिर जेल जाना तुम्हे डर नहीं लगता ये ...Read Moreदेख कर? पहले लगता था पर अब आदत हो गयी कशिश की बातो ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की कैसे इन्सान जब किसी डर को पारकर लेता है तो ज़िन्दगी में उसे फिर किसी चीज से डर नहीं लगता, मतलब ऋतिक रोशन जो कहता है वो सही है, "डर के आगे जीत है" और कशिश Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything suraj sharma Follow