मेरे घर आना ज़िंदगी - 11

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मेरे घर आना ज़िंदगी आत्मकथा संतोष श्रीवास्तव (11) हेमंत की मृत्यु के बाद मेरी बर्बादी के ग्रह उदय हो चुके थे । मीरा रोड का घर हेमंत के बिना खंडहर सा लगता । जीजाजी का मकान था अहमदाबाद में जो खाली पड़ा था। मैंने प्रस्ताव रखा "अहमदाबाद शिफ्ट होना चाहती हूं आपको किराया दूंगी मकान का। " उन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुझे मुंबई से बोरिया बिस्तर समेटना था। हमेशा के लिए छोड़नी थी मुंबई इसलिए फ्लैट भी बेचना था। अच्छा खरीदार भी मिल गया। तीन लाख में खरीदा फ्लैट सात लाख में बिक रहा था। ( इन