भरोसा- -अनोखी प्रेम कथा (भाग 3)

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वह जाती तो कहा जाती?वह अपने अब्बा के पास लौट आयी।तलाक की बात सुनकर रहीस बहुत दुखी हुआ।पर कर कुछ नही सकता था।उसके धर्म मे ऐसा करना जायज था।मर्द को अख्तियार था कि तीन बार तलाक़ बोलकर बीबी से रिश्ता तोड़ सकता था।तलाक से नाज़िया का दिल टूट गया। वह उदास, गुमसुम रहने लगी।बेटी के दुख से रहीस भी दुखी था।लेकिन दुखी रहकर कुछ हासिल होने वाला नही था।नाज़िया अभी जवान थी।पूरी जिंदगी उसके सामने पड़ी थी।जिंदगी के लंबे सफर को तय करने के लििि मर्द औरत को हमसफर की ज़रूरत होती है। इसीलिए निकाह करते है। रहीस ने