आपसी वाहवाही ने सुधार की गुंजाइश खत्म कर दी है

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बिना किसी शोर-शराबे के कहानियां लिखने वाली आकांक्षा पारे काशिव लंबे अर्से से कहानियां लिख रही हैं। उनकी कई कहानियां काफी चर्चित रही हैं। उनकी हर कहानी पहली कहानी से अलग होती है। उनकी कहानियों में कम ही दोहराव नजर आता है। विषय-विविधता उनके लेखन की सबसे बड़ी ताकत है। पुरवाई टीम की तरफ से नीलिमा शर्मा ने आकांक्षा से उनकी कहानियों और साहित्यिक यात्रा के बारे में बातचीत की।नीलिमा शर्मा: नमस्कार आकांक्षा जी, पुरवाई से बातचीत में आपका स्वागत है। आप लंबे समय से कहानियां लिख रही हैं और हिंदी के कथा-लेखन में अपनी एक पहचान रखती हैं, इस