नया सफर - नई शुरुआत

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अरे भगवान! आखिर मेरे हिस्से में ही इतनी तन्हाई,रूखापन क्यों दिया तुमने राज बड़ी ही वेदना के साथ भगवान से शिकायत कर रहा है। क्या मुझसे कोई खता हुई जो मुझे इसका दंड मिल रहा है। लेकिन ये बात वो खुद के सिवाय भगवान से ही कह सकता है बाकी किसी से भी नही। साम का वक्त ढलता सूरज और आसमान पर धरती के क्षितिज से उभरता चाँद, इस सुंदर सी पहाड़ी पर खिलते फूलों की महक, बहती शीतल हवा और नीचे बसे घरों की कतार और पेड़-पौधों की हरियाली बड़ा ही सुंदर नज़ारा और वक्त