में तुम और वो ( part-1)

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सुनसान् जगंल, रात के दो बजे । बडी अजीब लगती है । छोटी सी छोटी आवाज भी हमे डरा देती है । जब हम चलते हैं तो यैसा लगता है जैसे की हमारे साथ या पिछे कोई है । बहत खोफनाक होती है वो भाबना । पर अजीब बात ये है की इस जगंल के घने अन्धेरों में भी कोई है ? एक नहीं दो दो लोग हैं । वो भी साथ साथ हैं । बडे खुस नजर आते थे । सायद कुछ बातें हो रही थी उनकी बीच में जिसकी बजाह से वो लोग खुस