पुस्तक समीक्षा 13 - भारत में स्वास्थ्य पत्रकारिता

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Hkkjr esa LokLF; & i=dkfjrk ‘पहला सुख निरोगी काया’ और काया को निरोग रखने के लिए स्वास्थ्य के नियमों की जानकारी देने की जिम्मेदारी है स्वास्थ्य-पत्रकारिता की । पिछले लगभग 100 वर्षों से भारत में स्वास्थ्य-पत्रकारिता निरन्तर गति से अपना मार्ग तय कर रही है । रास्ते में रुकावटें आयीं, लेकिन स्वास्थ्य-पत्रकारिता का मार्ग अवरुद्ध नहीं हुआ । सच पूछा जाये तो स्वास्थ्य-पत्रकारिता हिन्दी-पत्रकारिता के विकास के साथ-साथ चल रही है । आज शायद ही कोई ऐसा पत्र-पत्रिका है जो स्वास्थ्य-संबंधी सामग्री प्रकाषित नहीं कर रही है । स्वास्थ्य-पत्रकारिता एक रचनात्मक आन्दोलन है, जिससे सभी को लाभ