संदेश

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वो थोड़ी देर मुझे अपलक देखती रही और फिर उठ कर अंदर चली गर्इ । मै जहां बैठा हूँँ यह एक झुग्गी बस्ती में झोपड़ी है । मै यहां कैसे हूँँ ? इसकी कहानी दो या तीन वाक्य की ही है । कुछ ही दिनों पहले सुभाष से मेरी मित्रता हुर्इ है । आज अचानक ही सुभाष ने मुझे यहां भेजा है ये बताने के लिए कि उसकी तबियत बहुत खराब है । मैं इसी संदेश के साथ खोजता हुआ यहां पहुंचा हूँ । मै जिस महिला से मिला, उसने अपना नाम उमा बताया