जिंदा मुर्दा

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दत्त,जिनकी मौत 2012 में एक कार एक्सीड़ंट में हुई थी, जिला अस्पताल में चार घंटे तक तड़पते रहे यह सुनकर की उनकी बीवी और बच्ची तुरंत ही परलोक सिधार गए थे।आखिरकार रात के 11 बजे वह भी उनके पास चले गए। पर उन्हें यह नही पता था की वे दो उन्हीं से मिलनें आ रहें हैं। करीब रात के एक बजे, जब पेशंट से मिलने का समय गुजर गया था, एक औरत, जो किसी गाँव की लग रही उस हाॅस्पिटल के सोते हुए गार्ड के सामने से ही चलकर मेन हाॅल में पहुँच गई। वह जैसे ही रिस्पसन टेबल के