शोलागढ़ @ 34 किलोमीटर - 4

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पेंटर लूसी सार्जेंट सलीम की पीठ से अपना जिस्म प्यार से रगड़ रही थी। लूसी को देख कर सलीम की आंखें फटी की फटी रह गईं। लूसी उसकी पर्सियन बिल्ली थी। एक दिन सड़क के किनारे से सलीम की कार से लूसी चोरी हो गई थी। उसके लिए वह काफी परेशान भी रहा था। मौजूदा सूरते हाल भी उसके लिए कम परेशानी की वजह नहीं थी। लूसी उसे शेयाली के घर में मिली थी। इसका भला क्या मतलब हो सकता है? क्या लूसी को शेयाली या उसके ब्वाय फ्रैंड ने चोरी किया था? या फिर....? वह इसके आगे नहीं