इलाज़

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इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके झोलाझाप डॉक्टर फकीरचन्द ने एक और आदमी मार डाला ’ मिश्रा जी कोई विलक्षण जुमला बोलकर इंट्री करते हैं। मैंने पूछा-‘किसे मार दिया यार !’ ‘‘वो धर्मपुरा के किसान की बेटी थी। ...बिना मर्ज पहचाने इंजेक्शन और बोतल चढ़ा दी। बैंच पर लेटे-लेटे चल बसी ।’’ मिश्रा जी के चेहरे पर बिषाद की रेखाएं थी। मैं बोला ‘ कहीं किसान अपनी मृत बच्ची लेकर आये हो? क्या बच्ची को देखि लेना अपराध है उसका ?’ मिश्रा जी लानत भरे स्वर में मुझे ये बोलकर चले गये कि, ‘उस झोलाझाप डॉक्टर