एक दुनिया अजनबी - 11

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एक दुनिया अजनबी 11- एक झौंका जीवन की दिशा पलट देता है, पता ही नहीं चलता इंसान किस बहाव में बह रहा है| आज जिस पीने-पिलाने को एक फ़ैशन समझा जाता है, वह कितने घर बर्बाद करता है, लोग समझ नहीं पाते या फिर अपने अहं में समझना नहीं चाहते |अमीर और बड़े दिखने का यह एक अजीब सा ही कॉन्सेप्ट है, इससे कभी किसीका भला होते तो देखा नहीं | बहाने होते हैं इसके, कभी बिज़नेस पार्टीज़, कभी अफ़सरों को खुश करना और कभी स्टेट्स ! ज़िंदगी क्या इसके बिना ख़त्म हो जाती है ? यह खुद से पूछना होता है आदमी को | प्रखर ज़िंदगी के युद्ध