मौन प्रार्थनाएं... एक लघुकथा

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अरे ये क्या हुआ आपके पैर में और आप लंगड़ाकर क्यों चल रहे हैं ? अरे कुछ नहीं बस मामूली सी खरोंच है और तुम तो कुछ ज्यादा ही चिंता करती हो शोभा ! अच्छा, मैं ज्यादा चिंता करती हूँ तो फिर इस मामूली सी खरोंच पर ये इतनी बड़ी पट्टी क्यों बंधवाई है ? शोभा ने परेशान होकर सुमित की पैंट घुटने तक उठाते हुए पूछा । अच्छा बाबा मैं सब बताता हूँ, तुम पहले जरा मेरे पास आकर तो बैठो ! लीजिए बैठ गयी ! अब प्लीज़ जल्दी से बताइये न कि क्या हुआ? मुझे बहुत चिंता हो