दिल देहरादून देह दिल्ली

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उदासी का कोई मौसम नही होता लेकिन सर्दियां तो उदासी का पर्याय कही जाती तो रोमांस का चरम भी। कभी यह सर्दियां मेरे लिए एक रूमानी बहार रही है । वो किसी गर्मी की दोपहर में मुझसे वादा करके गया था कि जल्द आऊँगा तुझको हमेशा के लिए लिवाने के लिए लेकिन हाय रे मजबूरियां उसको 8 माह लग गए अपने घर से मेरे मायके की देहरी तक आते आते। फिर सुख की सुबह हमारी जिंदगी में आ गयी लेकिन यह कहाँ पता था कि सुबह बहुत जल्द दौड़ती है ।सूरज में इतनी फुर्ती होती कि वो दौड़ कर दोपहर