अनैतिक - २०

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मैंने पापा की बाते सुनी पर मेरा मन अब भी बैचेन था, तुरंत कशिश को मेसेज भेजा हाउ आर यू? ठीक हूँ मै.. क्या हुआ था? कुछ नहीं, रोज का है..झगडा करना फिर जेल जाना तुम्हे डर नहीं लगता ये सब देख कर? पहले लगता था पर अब आदत हो गयी कशिश की बातो ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की कैसे इन्सान जब किसी डर को पार कर लेता है तो ज़िन्दगी में उसे फिर किसी चीज से डर नहीं लगता, मतलब ऋतिक रोशन जो कहता है वो सही है, "डर के आगे जीत है" और कशिश