अनैतिक - २४

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टेबल पर २ चेयर खाली थी एक कशिश के साइड वाली और दूसरी अंकल के साइड वाली, मै अंकल के साइड वाली चेयर पर जाकर बैठ गया, कशिश की आँखे लगातार मेरे बदले स्वभाव का पीछा कर रही थी, पर मैंने एक बार भी उसकी तरफ नहीं देखा, मै जानता था जो कुछ हुआ उसमे उसकी गलती नहीं थी पर मै निकेत को उसके इतने करीब देख कर अन्दर ही अन्दर उस पर नाराज़ होने लगा, हाँ वो पति था उसका पर....नहीं..ये पर का जवाब मेरे पास भी नहीं था... कशिश ने मुझे खाते वक़्त भी कई