सलाखों से झाँकते चेहरे - 7

  • 4.3k
  • 1.5k

7--- उस गाँव से निकलकर कामले ने गाड़ी का रुख एक छप्पर वाले होटल जैसी जगह पर करवाया | तब तक शाम के चार बजने वाले थे |सबके पेटों में बैंड बज-बजकर शांत होने लगे थे | " सर ! पाँच बजे हमको कलेक्टर साहब को भी मिलना है ---" सुबीर ने कहा | " हाँ, याद है, नहीं तो कल कैसे अलीराजपुर जा सकेंगे ?" अहमदाबाद से लाए गए आज्ञा-पत्र पर कलेक्टर साहब के हस्ताक्षर करवाकर उनका आज्ञा-पत्र भी लेना था | अलीराजपुर की जेल के कैदियों से मिलने जाना था और वहाँ यह भी नोट करवाना था कि