कल्पनाओं से आगे 

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कल्पनाओं से आगे मानव सभ्यता प्रगति की अनोखी कहानी है । हम अपनी सुविधाओं और आवश्यकताओं की कल्पनाओं को वास्तविक रुप देते हुए आगे बढ रहे है । मानव सभ्यता की प्रथम खोज उसके पत्थरों से बने हथियार हो सकते है ; वहीे आग और पहिए को मानव इतिहास की क्रांतिकारी खोज कहा जा सकता है । पिछली सदी में लियोनार्दो द विंची जैसे विचारकों को छोड़ दे तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि कभी टेलीफोन ,मोबाईल ,टेलिवीजन और हवाई जहाज जैसी कोई चीज वास्तविक रुप में होगी । कल्पनाऐं कभी रुकती नहीं । क्या आपने सोचा