प्रायश्चित - भाग-14

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शिवानी का जवाब सुन दिनेश चुप हो गया । कुछ कह वह बात को और आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। कहे भी क्या! उसे खुद को समझ नहीं आ रहा था इसलिए वह चुप हो गया।"चुप क्यों हो गये दिनेश! जवाब दो।" शिवानी गुस्से से फिर बोली। दिनेश शांत स्वर में बोला "मैं कुछ भी कहूं, यकीन तो तुम करोगी नहीं इसलिए चुप रहना ही बेहतर है। "उसे इतना शांत देख शिवानी को अच्छा नहीं लग रहा था। वह अंदर गई और उसने जोर से दरवाजा बंद कर लिया। यह देख दिनेश का दिल किसी अनिष्ट की आशंका सोच घबरा गया