Atonement book and story is written by Saroj Prajapati in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Atonement is also popular in Adventure Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्रायश्चित - Novels
by Saroj Prajapati
in
Hindi Adventure Stories
अक्टूबर का महीना आते आते अंधेरा कुछ जल्दी ही घिरने लगता है। ऊपर से इस महीने में त्योहारों की भरमार। कितना भी समय ज्यादा लेकर चलो बाजार में, फिर भी कम पड़ जाता है। शिवानी ने सोचते हुए जैसे ही अपनी घड़ी पर नजर दौड़ाई। ओहो! 6:00 बजने वाले हैं और अभी कितनी खरीदारी करनी बाकी है। हे भगवान! क्या आज ही सारी दुनिया को खरीदारी के लिए निकलना था। मैंने तो कितनी प्लानिंग की थी कि आज वर्किंग डे है तो बाजार में कम भीड़ होगी लेकिन इतनी भीड़ देखकर तो कोई भी यही सोचेगा कि आज संडे है!
अक्टूबर का महीना आते आते अंधेरा कुछ जल्दी ही घिरने लगता है। ऊपर से इस महीने में त्योहारों की भरमार। कितना भी समय ज्यादा लेकर चलो बाजार में, फिर भी कम पड़ जाता है। शिवानी ने सोचते हुए जैसे ...Read More अपनी घड़ी पर नजर दौड़ाई। ओहो! 6:00 बजने वाले हैं और अभी कितनी खरीदारी करनी बाकी है। हे भगवान! क्या आज ही सारी दुनिया को खरीदारी के लिए निकलना था। मैंने तो कितनी प्लानिंग की थी कि आज वर्किंग डे है तो बाजार में कम भीड़ होगी लेकिन इतनी भीड़ देखकर तो कोई भी यही सोचेगा कि आज संडे है!
याद करते हुए शिवानी का मन अतीत के गलियारों में पहुंच गया। कितनी चंचल अल्हड़ और बातूनी हुआ करती थी वो। आज से बिल्कुल अलग। घर में सबकी लाडली हरदम चिड़िया की तरह चहकती रहती और सबका मन अपनी ...Read Moreसे लगाए रखती। खूबसूरत भी कम ना थी लेकिन लड़कियों जैसी उसमें कोई बात ना। सजने सवरने से दूर हरदम खेल में ध्यान। लड़कों से कहीं बढ़कर उसके शरारतें होती थी। बेटियां कितनी भी प्यारी हो लेकिन माता पिता को अपने कलेजे पर पत्थर रख उसे दूसरे घर भेजना ही होता है। शिवानी की पढ़ाई पूरी होते ही शिवानी माता
शिवानी सोने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन पिछली यादें जिन्हें वह भूलने की कोशिश में इतने सालों से लगी थी मानो आज फिर से जीवित हो उठी थी। शिवानी को आज भी याद है कि किरण जितनी ...Read Moreमहिला से वह अपने जीवन में पहली बार मिली थी। शिवानी उससे कोई भी बात करती , वह बस "हां हूं " में ही जवाब देती । शिवानी को उसके ऐसे व्यवहार से लगता कि वह बहुत घमंडी है। साथ ही अपने पर भी बहुत गुस्सा आता था कि जब वह बोलना ही नहीं चाहती तो वह क्यों आगे बढ़
काफी देर से रिया के रोने की आवाज सुन किरण परेशान हो गई। पहले तो उसने सोचा, शायद किसी बात पर जिद कर रो रही होगी। फिर उसने सोचा शायद दीदी यहां से गुस्से में गई थी इसलिए ...Read Moreमें रिया को डांट दिया हो लेकिन काफी देर तक जब वह चुप नहीं हुई तो उससे रुका नहीं गया । उसे अपने आप पर भी गुस्सा आ रहा था कि उसकी वजह से मां बेटी दोनों ही परेशान हो गई है और वह शिवानी से माफी मांगने के लिए वहां आई तो शिवानी की हालत देख वह घबरा गई। उसे
उस दिन के बाद दिनेश उसका और ज्यादा ध्यान रखने लगा था। ऑफिस जाने के बाद दिन में कई बार ,उसे फोन करके हालचाल पूछता। कई बार तो वह दिनेश के बार-बार फोन कॉल करने से खीज भी ...Read Moreथी लेकिन मन ही मन खुश भी बहुत होती । दिनेश की उसके प्रति यह फिक्र देखकर। किरण भी जब तब उसकी सहायता करवाने के लिए आ जाती । वह तो उसे बहुत मना करती थी लेकिन वही जिद करके खुद काम करने लग जाती। कहती "दीदी इस बहाने मेरा मन लगा रहेगा। मेरा खुद का काम ही कितना है और