ज़ेब्रा क्रासिंग

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"रघुवन में दोपहर का समय था| झबरु ज़ेब्रा झाडिओं के बीच मजे से हरी हरी घास चर रहा था | टोनू तोता उसकी पीठ पे बैठा, अपनी चोंच से उसकी पीठ खुजा रहा था | दोनों अपनी मस्ती में मस्त थे | तभी थोड़ा दूर से झबरु को किसी ओर ज़ेब्रा के रोने की आवाज़ आई | टोनू ने भी आवाज़ सुनी और बोला "झबरु क्या हुआ रो क्यों रहा है?" झबरु बोला "अरे यह मैं नहीं हूँ आवाज़ कहीं दूर से आ रही है| "टोनू ने बोला "चलो फिर चल कर देखते हैं|"दोनों आवाज की दिशा में चल दिए | आवाज