बबली

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"बबली" मायके की दहलीज पार करते समय माँ-पिताजी की दुआओं में लिपटी ढेर सारी नसीहतों को अपने साथ लेकर गरिमा ने ससुराल में प्रवेश किया और परम्परानुसार मंगल गीत-संगीत के वातावरण में अपने नए जीवन की शुरुआत करी। नई-नवेली गरिमा थोड़ी सहमी-सहमी सी ससुराल पक्ष के हर एक सदस्य के दिल मे अपनी जगह बनाने में दूसरे दिन से ही जुट गई। तीनों ननंदों का उम्र के साथ-साथ ओहदे में भी बड़ा होना शुरुआती दौर में संकोच और झिझक का कारण बना। परन्तु पतिदेव के भरपूर सहयोग से परिवार में जल्दी ही घुल-मिल गई। गरिमा की सबसे छोटी ननद