सुख की स्मृति

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तुम आए ही क्यों मेरी जिंदगी में ,जो वापसी के लिए इतने नाटक कर रहे हो ?क्या एक बार भी तुम्हारा मन नहीं कसकता कि तुम मेरे साथ कितना अन्याय कर रहे हो ?क्या हमारा रिश्ता इतना कमजोर था कि जरा -सी बात पर टूट जाए ?क्या दुनिया की दीवारें इतनी मजबूत होती हैं कि प्यार को रोक सकें |हाँ,प्यार खुद रूकना चाहे तो रोक ही लेती हैं |शायद तुम खुद रूकना चाहते हो |तुम ही मेरे साथ आगे नहीं बढ़ना चाहते |सुना था प्यार के रास्ते में दुनिया दीवार बनती है पर जब प्रेमी ही खुद दीवार खड़ी कर