जंगल में डेयरिंग... डरने का नहीं

  • 6k
  • 1
  • 1.5k

"ओये उठ न ! मुझे बाहर जाना है।" साक्षी अपनी चचेरी बहन शांति को रात के वक्त नींद से झकझोरते हुए बोलीशांति अलसाई सी उठी और बोली "चल""यार! रुको मुझे भी आना है !" मीनल भी आँखे मलती हुई बोलीतीनों ही कमरें से बाहर निकल आए। गांव में शौचालय वगैरह घर से बाहर ही होते है। साक्षी,मीनल दोनों बहनें अपने परिवार के साथ आजकल अपनें गावं आईं हुई है उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित एक छोटा-सा गांव।तीनों बहनें बाहर आई,बाहर एक छोटा कमरा और था जिसमें साक्षी का छोटा भाई दिनेश और चचेरा भाई गोपाल सोए थे। लेकिन अभी दोनों